ये परचम लहराते है
नए -नए वादे करके सारी पार्टी वाले
अपना उल्लू सीधा कर जाते हैं ।
बुजूर्गों की इज्ज़त करना
गरीबो की हालात समझना
किसानो की हालात सुधारना
सब याद आ जाता है
पांच साल की सत्ता में फिर
सब एैसो में गुम हो जाता है ।
बहुत हुई जाति -उपजाति
अपने अधिकार को पहचानो तुम
जनता ही सर्वोच्च है भारत में
ये अधिकार को जानो तुम।
फिर बिहार दौराहे पर है
किसी कि बात ना मानो तुम
जो लगता है कार्यकुशल तुम्हें
उसे ही अपने वोट से नबाजो तुम।
ना जाति, ना काका -भइया
एक बार बिहार का सोचो तुम
चाहते हो बिहार की तरक्की
तो सोच -समझ कर वोट डालो तुम।
ये मौका गया तो पांच वर्ष फिर झेलोगे
बाढ़, बेरोजगारी, अन्याय, अत्याचार
कोई फिर सुनने वाला ना होगा
जो गिरते हैं आकर चरणों मे आज ।
कल पहचान भी ना तुम्हें पायेगे
जो आज हाथ जोड़कर मांगते है वोट
समझदार बने, अपने ताकत को समझे
करे वोट का सही उपयोग
और बनाए बिहार को उज्जवल चहुँ ओर ।
❤🙏एक वोट बहुत कीमती हैं कृप्या इसे जाति -पाति में बर्बाद ना करे, अपने बिहार का भविष्य बिहार की हर जनता के हाथ में है अपने वोट का उचित उपयोग करे, बिहार को उज्ज्वल बनाए 🙏❤
-प्रीति कुमारी
2 टिप्पणियाँ
Nice 👌👌👌👌
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