चोरी की मुहब्बत में, अक्सर यही होता हैं दरवाजे से जाते हैं, खिड़की से निकलते है…
हर अल्फा़ज की गहराई को समझ सको तो जानूं ए-जानी, तुम कहते हो मोहब्बत है तुमसे ता…