इस कदर तू चाहिए बया करू तो कम परे
अलफाज है ये शब्द के, बता सकू तो कम परे,
ये जिंदगी तूू क्या राज हैै, न पा सकू ना समझ सकू।
जितनी भी जिती चलू, उतनी ही खवाहिसेे जगे ,
वो राह भी आसा नही जो वक्त की गरदीस मे हो,
जो खो गए वो बचपन वो याद है अदभूूूत छवि
खोये हुए को भूल कर कुछ चाहते और भी है,
ये जिंदगी कुछ चाहिए मेरी चाहते कुछ और भी है।।
एक वक्त था जो गुुुुजर चुका वो कल था
जो गुजर चुका ये जो आज है,
वो चाहिए येे जिंदगी तेरी चाह है।।
Prity Kumari
20 टिप्पणियाँ
It's a awsm
जवाब देंहटाएंMst likhi Ho di
हटाएंThnku dear
हटाएंGreat lines Priti.👌👌👌
जवाब देंहटाएंThnku dear
हटाएंNice
जवाब देंहटाएंThnku dear
हटाएंGreat lines Priti👌👌
जवाब देंहटाएंThnku
हटाएंKon chahiye 😁😀😁😁
जवाब देंहटाएंSapno ki hakikat..
हटाएंअति सुन्दर लेखन
जवाब देंहटाएंThnku so mch
हटाएंVery nice 👌
जवाब देंहटाएंNice one
जवाब देंहटाएंThnx a lot
हटाएंNice
जवाब देंहटाएंNice poetry
जवाब देंहटाएंThnx a lot
हटाएंsuper
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