❤जिंदगी की चाह है❤

इस कदर  तू चाहिए  बया करू तो कम परे 

अलफाज है ये शब्द के, बता सकू तो कम परे,  
ये जिंदगी तूू क्या राज हैै,   न पा सकू ना समझ सकू।


  जितनी भी जिती चलू, उतनी ही खवाहिसेे जगे ,  
  वो राह  भी आसा नही जो वक्त  की गरदीस मे हो,
  जो खो गए वो बचपन  वो याद है अदभूूूत छवि 
   खोये हुए को भूल कर  कुछ चाहते और भी है,  

   ये जिंदगी कुछ चाहिए मेरी चाहते कुछ और भी  है।।
    एक वक्त था जो गुुुुजर  चुका  वो कल था
  जो  गुजर  चुका  ये जो आज  है,
  वो चाहिए येे जिंदगी तेरी चाह  है।।

                                                 Prity Kumari 

एक टिप्पणी भेजें

20 टिप्पणियाँ