"तेरी एहसास है हर धड़ी"

आज फिर महसूस हो रही
तेरे प्यार की वो मीठी कसीस ,
ये एहसास है या बंदगी,
जो जोड़ रही तेरे करीब।

तु रहे ना रहे मेरे करीब
तेरी आँखों की वो कसीस
तेरे होंठों की मुस्कुराहटे,
रखती है मुझको हर धड़ी
तेरे प्यार और तेरे करीब।


तेरी हर बात याद है आज भी
तेरे बेरूखी, तेरी फिक्र भी,
हर एहसास हैं खास तेरे
इससे जुड़ी हुई हूँ आज भी ।

रक्त के बहाव सी, 
श्वास के रिदंम सी, 
तु हर धड़ी जरुरी है मुझे, 
तेरे एहसास के जैसे ही ।

जरूरी नहीं की हर जगह तेरी जिक्र हो
तु पास ना रहे तो कोई फिक्र हो, 
तु रहे जहा भी रहे गम नहीं, 
बस तु खुश रहे और तकलीफ से बेफिक्र हो,
और मेरे एहसास की गहराई में सचित्र हो।

आज फिर तेरी याद आ रही
धड़ी हर धड़ी तरपा रही, 
फिर से मीठी यादे याद दिला रही, 
और तुझसे एहसासो के जरिय मिला रही।

                           प्रीति कुमारी 

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