राज्य सरकार की मनमानी और
केन्द्र सरकार पर चुप्पी छाई है और
पत्रकार का मुँह बन्द किया जा रहा ।
पत्रकारिता की आजादी का हनन हो रहा
सर्वोपरि जनता सर्व जगह चिल्ला रही
कोई नहीं सुनने वाला,
नेताओ की आँख अभी धुधंली है ।
आजादी है हमे पर बोल नही सकते
आजादी है पर सच दिखाने पर जेल जाना होगा
बस इतनी आजादी है हमारे पास
नेता के दल्ले बनो तो सही
वरना संविधान में दी गई पत्रकारिता कि
आजादी के कोई मायने मतलब नहीं ।
सरेआम बेगुनाह को जेल ले जाया जाता है
सरेआम जगरूकता आने पर
किसी के घर को बदले में गिराया जाता है
सब देख कर भी कोई करवाई नहीं होती।
ये कैसी आजादी है हमे
सरकार चुप है, जनता चिल्ला रही है
पत्रकार कुछ बोल नहीं सकते
गजेरी -भंगेरी के साथ सारा सत्ताधारी है
कोई ना फिर भी हम आजाद है ।
एक सरकार आज अन्याय कर रही
दूसरी कल पुरस्कार देगी
हम बस वाह! वाह! करेगे
अच्छी सिलसिला चालु है साहब।
अन्याय को रोकने कि कोई कवायद नहीं
और कहते हैं हमलोग देश के रकक्षक
संविधान के रखवाले है
जहां पत्रकार को बोलने की आजादी नहीं है
फिर भी कोई ना घमण्ड करो हम आजाद है ।
-प्रीति कुमारी
2 टिप्पणियाँ
Super
जवाब देंहटाएंNice 👌👌👌
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