मिलते ही नज़रे तुमसे,धड़कने मेरी
तेरी आँखों में गिरफ्तार हो गई
दिल की वेबस हालात हो गई ।
इश्क़ हुआ या तेरी सूरत रम गई
ये तो दिल ही जाने इसकी जो
हालात, बेबस, वेबाक, गुमसुम
गुमा -गुमा सी खो गई।
खोया हुआ हूँ तुझमे
तेरी यादों की सहगरमी में
तेरी आँखों की गहराई में
बस तु ही तु है मेरे सपने,मेरे ख्यालों में ।
तुझे देखू, बस तुझे सुनू
तुम ही तुम रहो हर तरफ
मन में गिटार सी बज रही
तेरे ख्यालो से, तेरी आँखों की कसीस से।
एक अजीब खुशी छाई हैं मन में
हाँ, शायद यही प्यार है
शायद मुझे तुमसे प्यार हो गया
मिलते ही तुमसे, धड़कने मेरी
तेरी आँखों में गिरफ्तार हो गया ।
-प्रीति कुमारी
1 टिप्पणियाँ
Nice 👌👌👌👌👌
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