चल रहा मन ही मन द्वंद हैं
मैं चल सकूं तेरे साथ मेंथोड़ा साथ तेरा चाहिए
एक सहारा तो दे मुझे
एक सहारा तो दे मुझे
तेरा आसरा बस चाहिए
जो तु आज है ,वो कल था मैं
जो हूं आज मैं ,वही तेरा कल आऐगा ।
जो चाहिए तू दे ना सका
क्या खो गया मेरे साथ से
जो बन गया है आज तू
जो पा गया सम्मान तू
वो मेरे बलिदान का
प्यार का, दुलार का
त्याग है,मेरे पूरे जीवन का,
जो तू पल भर मे ही भूला गया।
कुछ मांगता ना कर्ज है
ये तो मेरा फर्ज था
क्या हुआ तेरे फर्ज का
जो तूने यूं घर से बेघर किया।
वृद्ध हो चला जब ये पिता
लाचार माँ जब पुकारती
तेरे प्यार की है जब हमे
जग से अधिक ख्वाहिशे ।
ना जा मुझे तू छोड़ कर,
रख पास अपने हर धड़ी
ना धन-धान्य चाहिए ,
बस प्यार तेरा चाहिए
बस प्यार तेरा चाहिए
बालपन सा हो जीवन मेरा
बस वृद्धा अवस्था ऐसा चाहिए
तू लाडला है मेरा, बस लाड तेरा चाहिए ।🙏❤
🙏अपने वृद्ध माता -पिता को इज्ज़त और प्यार
दे, आज आप जो भी है, वो आपके माता -पिता की देन हैं, आज उनका हैं कल आपका आएगा, वृद्धा अवस्था ही वास्तविकता है इससे कहा कोई बच पाएगा🙏
प्रीति कुमारी
1 टिप्पणियाँ
Supper 👌👌👌
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