बेसक इस हालात के 😔

जब चाहत ही नहीं है मुझसे
तो मेरे जीवन में रूके ही क्यों हो?


आज जो भी हालत हैं मेरे
उसके जिम्मेदार तुम हो
अगर हो जाए मुझे कुछ भी
तेरी हरकतो को सहते सहते
तो बेसक इस हालात के
गुनहगार तुम हो।

सुना था सच चिल्लाता नहीं
यहां तो हमने झूठ को भी चुप रहते देखा हैं
कौन बेवफ़ा है, कौन वफ़ा निभा रहा
सबके चेहरों को पढ़के देखा हैं।

सब जान कर भी मौन
उससे उसकी मर्ज़ी पूछी हैं
हर बात में ही झूठ की
हमने कसक महसूस की है।

 बड़ा दिलकश इंसान है वो
भूत, वर्तमान सबको साथ
लेकर चलना चाहता है
सबको खुश रख कर
सबकी जज्बातों की रॉ से खेलना चाहता है।

प्रीति कुमारी

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