दो पल ही सही

दो पल ही सही
तुझपर फना हो जाते हैं
तुम मेरी सादगी पे मरना
हम तुम्हारी चाहतो पर लूट जाते हैं ।


फिर मन मर्जी से जुदा हो जाऐगे
उसी दो पल को जीने का सहारा बनाऐगे
छुए कोई मेरे रूह को तेरे सिवा
ऐसे सारे हालातो से फिर तौबा कर जाऐगे।

चलो इश्क़ की एक नई मिशाल बनाऐगे
सब मिलते बिछड़ते है
हम तुम्हारी यादों के साहारे
सारी उम्र गुजार जाऐगे।

तेरी यादे दिल में हर वक्त होगी
जिससे ना बिछड़ने का गम
ना मिलने की खुशी होगी
वो सिर्फ मेरा होगा
उसमे ना किसी का बँटवारा होगा।
प्रीति कुमारी



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