रंग ,तंज, भेद -भाव
सब तो बेईमानी है
तू मेरा मैं तेरी
यही मेरी कहानी है ।
तुम बेपनाह चाहना हमेहमे भी तुम्हें टूट कर चाहना है
कोई बंदिशे ना हो राहो में
ऐसी मंजिलो से गुजरना है ।
ना कोई भाव में आभाव हो
ना दिल से रूकसत तेरी याद हो
जह्न में ऐसे उतरे तू
तेरी यादो की बंदिशे हजार हो।
चाहते तो सब हैं
मुझे कुछ अलग तुम्हें चाहना है
मिले ना मिले किस्मत अपनी
अपने यादो का एक कारवा बनाना है ।
रूसवाईयो का डर ना हो
कोई रहे ना रहे फिकर ना हो
जो रहे तेरी साथ तो साथ सही
जो साथ ना हो तेरी तो
तेरी याद ही हो काफी
किसी और का जह्न में जिकर ना हो।
प्रीति कुमारी
1 टिप्पणियाँ
Super❤👌❤
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