चेहरा मासूम लिए............

जो मेरे से जान पहचान
बनाने लायक भी ना था
उसे मैंने अपना जान बना लिया😔


फिर क्यू कोसू उसे
मौका तो हमने ही दिया था
उसने तो अपना काम बना लिया।

बेबसी सी हालात लाकर
खुद को बेगुनाह कहता हैं
बेरहम दिल रखता है
और खुद को बेशरम भी नहीं कहता हैं।

वो एक चालाक परिंदा हैं
हर किसी को वफा का यकीन दिला देता है
पता चले जब बेवफाई की तो
बड़ी सफाई से ............
खुद को सबकी नजरों में खुद को
बेगुनाह गिना देता है।

इस जमाने का सबसे गिरा इंसान सा है
वो शख्स इंसान नहीं हैवान सा हैं
जिस्मों की भूख रखता हैं
और सौदा दिलों से करता है
खुद के जज़्बात मर चुके हैं उसके
तो दूसरे के जज़्बात से खेलता हैं
हैवान सा वो शख्स,
चेहरा मासूम लिए फिरते हैं।

प्रीति कुमारी



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