मैं संभाल लुंगा तुम इश्क़ तो करो
हो गई हैं अब बेहद मुहब्बत तो अब संभाल लो ना।
यू अब नखरे ना दिखाओ
बेवजह ना रुलाओ
हुई कोई खता तो बताओ
बीच राह में यू छोड़ कर तो ना जाओ।
निभाने का भरोसा तुमने ही तो दिलाया था
दिल में इश्क़ भी तुमने ही जगाया था
आज इस मुकाम पर लाकर
अनजान ना बनो तुम।
थोड़ा तुम समझो मुझे
थोड़ा हम समझ लेंगे
साथ रहेंगे तो हर मुश्किल का
हल समझ लेंगे।
एक सच से वाकिफ था दिल
इसलिए डर रहे थे
जानते थे बेवफा हो तुम
फिर भी तुम पे ही मर रहे थे।
जानते है कि टूट गया दिल तो
इसमें हाहाकार मचाने की जरूरत क्या हैं
ये तो सभी जानते थे की बेवफा हैं वो
तो फिर गुनहगार बताने की जरूरत क्या हैं।
प्रीति कुमारी
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