सच को कब तक दबाओगे

सच को कब तक छुपाओगे
किस _किस धारा को लगा कर दबाओगे
माना अंधी कानून, अंधा मंत्री हैं
पर जीत न्याय की पक्की है ।


एक योग्य पत्रकार की गरिमा को
तुम ठेस नहीं पहुंचा पाओगे
जिसकी आखें खुली हैं, जो सत्ताधारी अंधा नहीं
वो न्याय न्यायलय जानते है
कौन झूठा कौन सच्चा है।

बड़े लोग के नाम नहीं वो गरीबों का बेटा है
एक मां ने जना उसे ........
पर बिहार के हर मां के दिल में बसता है
गरीबों की दी हैं साथ सदा वो
मसीहा है मजबूरो का
सबकी दुआ साथ हैं मनीष कश्यप के
होगा न्याय न्यायलय में उसका।

विरोधी की आखें झुक जाएंगी उस दिन
जिसने सही को गलत फसाया है
सत्य लज्जित नहीं होता,
झुकता है कुछ पल पर पराजित कभी नहीं होता हैं।

वो बिहार का शेर है
दहारता हुआ वापस आएगा
बिहार की भूमि को अपने सच्ची पत्रकारिता से
फिर से चमकाएगा , वो भारत मां की शान बढ़ाएगा
बिहार को झूठे दलदल से स्वच्छ बनाएग ।

प्रीति कुमारी 


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