मेरे प्रभु दवा है रोग नहीं
प्रभू त्याग़ है भोग नही
राम दया है क्रोध नही
राम सत्य है शोंध नही ।
जो रोम रोम में बसते है,
वो राम प्रभू मेरे अंदर हैं
अयोध्या में उनके मंदिर का
इंतज़ार सभी को प्रतिपल हैं ।
कई वर्ष चला संघर्ष कठिन
कितनो ने जान गवां दी हैं
जिनकी अपनी अयोध्या थी
वो नाथ प्रभू मेरे बेघर थे।
प्रभू राम आपके भक्तों में
ज्वाला अभी भी बाकी है,
आपकी अयोध्या आपको समर्पित कर
आपके भव्य स्वागत कि तैयारी जारी है।
दीपो से फिर सजानी है
मेरे भारत मां के कोने कोने को
श्री राम प्रभू जब विराजेगे
अयोध्या में अपने घर में।
चर्चा हैं अखबारों में
टीवी में बाजारों में
डोली, दुल्हन, कहारो में
सूरज, चंदा, तारों में
आंगन, द्वार, दीवारों में।
घाटी और पहाड़ों में
लहरों और किनारों में
भाषण _कविता _नारों में
गांव _गली गलियारों में।
एक और दिवाली मनाएंगे
हर घर को दीप से सजाएगे
हर पुण्य आत्मा गाएगी
लाखों संघर्ष की साक्षी बन
श्री राम प्रभु जब आएंगे।
अयोध्या को जग मगाएगे, हर्षो उल्लास जाएंगे।
जो रोम रोम में बसते है, वो राम प्रभू मेरे अंदर हैं
राम सत्य है शोध नहीं, राम दया हैं क्रोध नहीं।
जय श्री राम 🙏 सीताराम 🙏 जय बजरंगबली🙏
प्रीति कुमारी
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