बागेश्वर धाम निराला है बेटियों का वहा बोल वाला है

पिता जिसके बागेश्वर सरकार हो, उसे कैसी चिंता , उन बेटियों की भाग्य जग गए , दुख के दिन टल गए। धन्य है प्रभु आपने उनके भाग्य खोल दिए।
 
बागेश्वर धाम सज गई हैं ,मेरी ये रचना उसी से जुड़ी है। देख देख के मैं हर्षित हूं और अपने हर्ष को रचनाओं के माध्यम से अपलोगो को सुनाना चाहती हूं ,तो पेस हैं हमारी रचना कॉमेंट में जरुर बताइएगा की कैसी लगी ।

मैं प्रीति अपनी सारी रचना अपने चाहने वालों को समर्पित करती हूं , बहुत बहुत शुक्रिया ऐसे ही मुझे प्यार देते रहे........❤️

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धन्यवाद हमसे जुड़े रहने के लिए 🙏🏽

आइए रचना आपको पेस करते हैं......🙏🏽


अंबानी की घर की शादियां तो देख ली

अब चलिए बाघेश्वर धाम चलते हैं
सजी सुर्ख जोड़े में 156 कन्याओं की
खूबसूरती पर अपने दिल को वारते है।

क्या देगा एक पिता
सब कसर पुरी की है 
हमारे बाघेश्वर सरकार ने
हर मुरादो को पुरी करके 
बेटियों की झोली खुशियों से भर दी है।


बड़ी धनवान है वो बिटिया 
जिसका पिता हर दिल पर राज करता है
जलने वाला भी उनका दिन रात गुणगान करता हैं।

ऐसी छवि ना देखी होगी
जग निराधार जग व्यापक है
हर रात जगमगा रहा बुंदेलखंड में
हर रोज हो रहा उत्सव है।


धन धान्य सब लूटा करके
एक पिता ने 156 कन्या बिदा कर दी
वो कितना दानी महात्मा हैं
बेटियों पर सारी दौलत निछावर कर दी।

सुना है नगरी रम गई है
राधे कृष्णा, राम राम की बोली से
वैसे ही वो धर्म नगरी थीं
अभी सज कर और भक्ति मय हो गई है 
चलो बागेश्वर धाम चले
हो रहे उत्सव को साथ जीए।

प्रीति कुमारी 

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