चलो चलते हैं मईया के द्वार
सुना है मईया खूब जचती है
शेरो पे सवार मईया भवन में आएगी
चलो करते हैं रहिया बुहार
सुना है मईया खूब जचती है
दीप जलाएंगे, भोग लगाएंगे
मईया को चुंदड़ी से भव्य सजाएगे
सुना है देती है मईया
अपने भक्तो को भर भर के प्यार
सुना है मईया खूब जचती है।
कलशा बिठाएगे, मन्नत गोहराएगे
दिल के मुरादों को मां से बताएंगे
सुना है मईया सुनती है
भक्तो के दिल की मुराद,
चलो चलते हैं......
प्रीति कुमारी
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