दुर्गा तूही काली हैं

रिस्तो की खनक दिल में उतार कर देखिए
सज गया द्वार मां का वहा जाकर देखिए


बिन मांगे ही भारती हैं छोली गरीबों की
सच्चे मन से मां को पुकार कर देखिए

हम भी खरे हैं चरणों में
एक नज़र तो डालिए
हम दिन बाल मईया
कभी हमको भी तारिए

तेरे आसरे ही कट रही जीवन हमारी मां
हम पर भी दया करो ये करुणा मई मां


तेरे आसरे ही जी रहे
जीवन को अपनी मां
सुधारोगी एक दिन
मेरी भी जीवन को मेरी मां ।

जय माता दी 🙏🏽

प्रीति कुमारी





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