तेरी आरजू को निहार लू
तु रख सके अपने आगोश में
इतना तुझे परख तो लूं,
तुझे जान लूं।
तुममे वक्त सी बदलाव तो नहीं
नदियों सी बहाव तो नहीं
अडिग हैं प्यार तेरा पर्वतों की तरह
इतना तो पहले परख लूं, तुझे जान लूं
तु सब्र रख सब पाएगा
मेरा प्यार भी मेरा साथ भी
पर पहले तो खुद को उतार ले
मेरे विश्वास की पगडंडी पर।
बस बोलते हो या निभाओगे
तुम जिक्र इश्क़ का अपनो से
तेरे निभाने के हौसलों को
पहले इतना परख तो लूं ,तुझे जान लूं।
हर राह, गली मुहल्लों में
भीर है कई दीवानों की
आज कल रूह का मिलन कहाँ
बस प्यार हर जगह जिस्मानी हैं ।
तुम भी उन दीवानों से तो नहीं
इश्क़ तेरी पाक है या तु भी है
शामिल उन दीवानो में
इतना पहले परख तो लूं
तू सब्र रख फिर सब पाएगा
मेरा प्यार भी मेरा साथ भी।
प्रीति कुमारी

3 टिप्पणियाँ
Nice ❤️❤️❤️
जवाब देंहटाएंNice di❤️❤️❤️
जवाब देंहटाएंNice
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